रोहावाले दादा का पैगाम है,
बनाया भहु उसकी संतान है… रे… रोहा. . .
घर घर जावे ये समजावे सोया कौन जगावे,
खाना कौन पचावे भैया गहरी नींद सुलावे,
लाल रंग लहु का चमकाते भगवान… रे… रोहा. . .
मंदिर मस्जिद गिरिजाघरमें जगन्नाथ को बांटा,
मजहबकी तलवार लिए है लोकनाथ को काटा,
अमृतालयम सबका मुकाम… रे… रोहा. . .
शेर – हुकुमत को तुने नही सर झुकाया,
अमीरोंके पैसो से तु ना लुभाया,
बिछडेहुओ को गले से लगाया,
सदीओं से सोयेहुओ को जगाया,
खुदा दिलमें है; दि तुने जान… रे… रोहा. . .
किया करिश्मा खुद के पैसे से; ईन्सान है जाते,
भगवद गीता की बांते नादां सबको समझाते,
“खुद को जानो खुदा पीछानो” यह ज्ञान… रे… रोहा. . .