मन मधुकर क्युं गीत गाएं?
पांडुरंग है आएं।
सरल कथन है, गहन मनन है,
भाव नयन है, मधुर कवन है,
वनमाली वनसे आएं। पांडुरंग . . .
धर्म धेनुका गोरस लाएं,
जीवनमें सबरस बन आएं,
दिलमें उत्सव बन छाएं । पांडुरंग . . .
कवि काव्यका रूपक तुम हो,
संगीतमें स्वर धडकनभी हो,
हैं सामवेद बन आएं। पांडुरंग . . .