सारे जगमें ईश वाहक बन गुंजेंगे हरदम,
कृणवन्तो विश्वमार्यम् । (४)
भेदभाव हो ऊंचनीचके दफन उसे कर देंगे,
दानव वृत्तिको संहारे कफन लिये घूमेंगे,
हृदयकी बीना पर छेडे भक्तिकी सरगम ।
कृणवन्तो विश्वमार्यम् । (४)
शौर्य और स्वार्पणके गीत जनगण वृंदोमें गाये,
अस्मिताकी तेजकीर्ण मानव मनमें प्रकटाये,
ईश श्रद्धा विश्वास जगाकर हम कर दे हमदम ।
कृणवन्तो विश्वमार्यम् । (४)
अनिष्ट अत्याचार अनर्थोको जगसे मिटाये,
आलसकी निंद्रामें सोये जन जागृत कर पाये,
मानव मन शक्तिसे भर दे और जलाये गम ।
कृणवन्तो विश्वमार्यम् । (४)
ऋषि दधीचिका बलिदान हमको आज पुकारे,
अर्जुनके गांडीवका गर्जन शौर्य गीत ललकारे,
अपना रक्त बहाकर करना संस्कृति रक्षण ।
कृणवन्तो विश्वमार्यम् । (४)